Mahakal mantra

समस्त देवी-देवताओं में ले भोले कहे जाने वाले देवों को देव महादेव को ज़रा से प्रयासों से खुश किया जा सकता है। इन सरल उपायों में सबसे पहले आता है शिव जी के लिंग रूप की पूजा-अर्चन यानि शिवलिंग की पूजा, इनका अभिषेक आदि। पर हम में से कुछ ऐसे भी लोग होंगे जिनके पास रोज़ाना शिव मंदिर जाना भी कठिन होगा। तो ऐसे में ये सोच परेशान करता है कि आख़िर व्यक्ति इन्हें खुश कैसे कर सकता है। एकम मिनट ज़रा ठहरिए क्योंकि हम आपके इसी प्रश्न का उत्तर लेकर आएं हैं। जी हां, अगर आप उन लोगों में से है जो रोज़ाना मंदिर जाने का समय नहीं निकाल पाते तो आपको बता दें आप इसके बदले में 1 छोटा सा काम कर सकते हैं जिससे आप भोलेनाथ की असीम कृपा आप पर बरस सकती है।


अनेकों नामों के मालिक इस पुरे ब्रह्मांड के निर्माता तथा भविष्य में इसके विनाशकारी कहलाने वाले भगवान शंकर के विभिन्न रूप हैं, जो इनके लिए भक्तों के लिए पूजनीय हैं। बता दें कुछ मान्यताओं के अनुसार शिव को तंत्र साधना का जनक भी कहा जाता है,। यही कारण है कि कहा जाता है इनके बिना कोई भी तंत्र साधना पूरी नहीं मानी जाती। यूं तो अगर इनकी कृपा पानी हो तो आमतौर पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे लाभकारी मानी जाता है। परंतु इसके अलावा इनका एक ऐसा स्तोत्र है जिसका जाप जातक को हर हाल में सफलता प्रदान करता है। बल्कि कहा जाता है भगवान शिव की आराधना इंसान के जीवन के बड़े से बड़े कष्ट भी काट सकती है। जैसे कि शिव भक्त जानत ही होंगे कि एक स्वरूप महाकाल का भी है। जिसका मतलब काल यानि मृत्यु को भी अपने वश में रखने वाल देव से है। जिस स्तोत्र का आगे वर्णन किया गया है वो भगवान शंकर के इसी स्वरूप यानि महाकाल को समर्पित है।


ये है महाकाल स्तोत्र-

आपकी जानकारी के लिए बता दें बहुत ही कम लोग होंदे जिन्हें इस बात कापता होगा कि महाकाल स्तोत्र भगवान शिव ने भैरवी को बताया था। जिसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों की स्तुति की गई है। शिव भक्तो की मानें तो यह स्तोत्र किसी वरदान से कम नहीं है।


जो जातक अपने जीवन में रोज़ाना दिन में केवल एक बार भी जप कर लेता है ये स्तोत्र जाप उसके भीतर नई ऊर्जा और शक्ति का संचार कर देता है। तथा जातक को उसकी सफलता के करीब ले जाता है।


महाकाल स्तोत्र-

ॐ महाकाल महाकाय महाकाल जगत्पत

महाकाल महायोगिन महाकाल नमोस्तुत

महाकाल महादेव महाकाल महा प्रभो

महाकाल महारुद्र महाकाल नमोस्तुते

महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोपहन

महाकाल महाकाल महाकाल नमोस्तुते

भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः

रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशुना पतये नमः

उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः

भीमाय च नमस्तुभ्यं मिशानाया नमो नमः

ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः

सघोजात नमस्तुभ्यं शुक्ल वर्ण नमो नमः

अधः काल अग्नि रुद्राय रूद्र रूप आय वै नमः

स्थितुपति लयानाम च हेतु रूपआय वै नमः

परमेश्वर रूप स्तवं नील कंठ नमोस्तुते

पवनाय नमतुभ्यम हुताशन नमोस्तुते

सोम रूप नमस्तुभ्यं सूर्य रूप नमोस्तुते

यजमान नमस्तुभ्यं अकाशाया नमो नमः

सर्व रूप नमस्तुभ्यं विश्व रूप नमोस्तुत

ब्रहम रूप नमस्तुभ्यं विष्णु रूप नमोस्तुते

रूद्र रूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोस्तुते

स्थावराय नमस्तुभ्यं जंघमाय नमो नमः

नमः उभय रूपा भ्याम शाश्वताय नमो नमः

हुं हुंकार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः

सचिदानंद रूपआय महाकालाय ते नमः

प्रसीद में नमो नित्यं मेघ वर्ण नमोस्तुते

प्रसीद में महेशान दिग्वासाया नमो नमः

ॐ ह्रीं माया – स्वरूपाय सच्चिदानंद तेजसे

स्वः सम्पूर्ण मन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः

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